Monday, November 12, 2018

रिवायत

वो अक्सर मुझसे कहती थी... वफ़ा है ज़ात औरत की..  मगर जो मर्द होते हैं... बड़े बेदर्द होते हैं... किसी भँवरे  की सूरत में.. गुल की खुशबू लूट जाते हैं.. सुनो तुमको मेरी कसम.. ना यूँ मुंह मोड़ लेना तुम... ना तनहा छोड़ के जाना, ना ये दिल तोड़ देना तुम... मगर फिर यूँ हुआ एक दिन... मुझे अनजान रस्ते पर, अकेला छोड़ कर उसने, मेरा...

Page 1 of 6112345Next
Twitter Delicious Facebook Digg Stumbleupon Favorites More